पाकिस्तान में हिन्दू लड़कियों के मुसलमान बनने पर आया नया मोड़

पाकिस्तान में दो हिंदू लड़कियों का अपहरण और फिर उनके जबरन धर्म परिवर्तन का मुद्दा बड़ा बनता जा रहा है.

पाकिस्तान में दो हिंदू लड़कियों के कथित अपहरण और फिर जबरन धर्म परिवर्तन का मामला इस्लामाबाद हाईकोर्ट में पहुंच गया है.

इस मामले में मंगलवार को तब नया मोड़ आ गया जब दोनों लड़कियों ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश से कहा कि उनकी उम्र 18 और 20 साल हो रही है और उन्होंने अपनी मर्ज़ी से इस्लाम धर्म को अपनाया है.

बीबीसी संवाददाता फ़रहान रफ़ी ने बताया कि दोनों पीड़ित लड़कियों ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने सरकार से कहा था कि सरकारी एजेंसियां और मीडिया उनका उत्पीड़न कर रही हैं, लिहाज़ा इस पर रोक लगाई जाए.

उन्होंने सरकार से यह भी कहा है कि इस मामले के बाद उनकी जिंदगी ख़तरे में पड़ गई है, लिहाज़ा उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए.

कोर्ट ने दोनों लड़कियों को सुरक्षा मुहैया करा दी है. हाईकोर्ट ने इस्लामाबाद के डिप्टी कमिश्नर को आदेश दिया है कि दोनों लड़कियों को सुरक्षा प्रदान किया जाए और उनको शेल्टर होम भेज दिया जाए.

 

पिता का बयान और बेटियों का क़बूलनामा?

हालांकि लड़की के पिता का कहना है कि उनकी दोनों बेटियां नाबालिग़ हैं जिनकी उम्र 13 और 15 साल हो रही है. एक वीडियो क्लिप सामने आया है जिसमें लड़की के पिता हरी लाल कह रहे हैं, “वो बंदूक़ लेकर आए और उन्होंने मेरी बेटियों को अग़वा कर लिया. इस बात को आठ दिन हो गए हैं और अभी तक इस मामले में कुछ नहीं हुआ है.”

“मुझे कोई नहीं बता रहा है कि मामला क्या है और न ही उनसे मिलने दिया जा रहा है. उनमें से एक 13 साल की है और दूसरी 15 साल की.”

“हमसे कोई बात तक नहीं कर रहा है. बस मैं ये चाहता हूं कि कोई जाए और मेरी बेटियों को मेरे पास ले आए. पुलिस कह रही है कि आज नहीं तो कल, ये मामला सुलझ जाएगा, पर अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.”

पिता के अलावा एक और वीडियो सोशल मीडिया में दिख रहा है जिसमें कथित तौर पर दोनों लड़कियां रोती हुई दिखी थीं और बता रही थीं कि निकाह के बाद उन्हें मारा-पीटा जा रहा है.

लेकिन मंगलवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में इस वीडियो के बारे में कोई बात नहीं हुई. बीबीसी भी इन दोनों वीडियो के सही होने की पुष्टि नहीं कर सकती है.

 

इस घटना को लेकर पाकिस्तान में काफ़ी बहस हो रही है. कई पाकिस्तानी ही पूछ रहे हैं कि केवल कम उम्र की लड़कियां ही इस्लाम से क्यों प्रभावित होती हैं और इन्हें अग़वा क्यों किया जाता है. इसके साथ ही यह भी पूछा जा रहा है कि लड़कियों को मुसलमान बनाकर पत्नी ही क्यों बनाया जाता है? उन्हें बहन और बेटी क्यों नहीं बनाया जाता?

पाकिस्तान में हिंदू संगठन के लोग इस घटना के विरोध में सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं और दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. दरअसल, ये घटना होली के एक दिन पहले पाकिस्तान के सिंध प्रांत की है.

मीडिया में ख़बर आने के बाद भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग से इस पर रिपोर्ट मांगी थी.

इस पर तुरंत जवाब पाकिस्तान के सूचना मंत्री फ़व्वाद चौधरी का आया और उन्होंने कहा कि “ये पाकिस्तान का आंतरिक मामला है और ये नरेंद्र मोदी का भारत नहीं, जहां अल्पसंख्यक समुदाय को परेशान किया जाता है.”

 


Source : BBC

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